Share Kya Kya Hota Hai in Hindi: शेयर बाजार की खबरें रोज अखबारों और न्यूज चैनलों पर प्रसारित की जाती हैं। इसलिए शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जिसने शेयर मार्केट का नाम न सुना हो। अगर आप शेयर बाजार में निवेश (Investment) करने की सोच रहे हैं तो निवेश करने से पहले शेयर क्या होता है? यह जानना जरूरी है। हम इस लेख में शेयर के बारे में पूरी जानकारी देंगे। जिसके बाद आपको शेयर बाजार को समझने में मदद मिलेगी।
इस लेख में, हम शेयरों के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले कुछ सवालों के जवाब देंगे, जो हर आम आदमी को पता होना चाहिए। जैसे- शेयर क्या है?, शेयर कितने प्रकार के होते हैं?, शेयर कैसे खरीदें? शेयर कैसे बनते हैं? शेयर खरीदने के क्या फायदे हैं?, शेयरधारक कौन है?, आदि।
तो आईये जानते है शेयर का मतलब क्या होता है?
शेयर का अर्थ है “हिस्सा” या अंश होता है। जब कोई कंपनी या संस्थान अपनी कंपनी में निवेश करने के लिए अपनी कंपनी की हिस्सेदारी यानि शेयर बेचती है, तो उसे शेयर कहा जाता है। जब आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं, तो आप उस कंपनी के शेयर होल्डर (Share Holder) बन जाते हैं।
मान लीजिए कोई कंपनी अपना कारोबार बढ़ाना चाहती है, जिसके लिए उसे पैसों की जरूरत है। इसे पूरा करने के लिए कंपनी अपने 1 लाख शेयर, शेयर मार्केट में आईपीओ के माध्यम से बेचती है। और अगर आप कंपनी के 20 हजार शेयर खरीदते हैं तो आप उस कंपनी के 20% के हिस्सेदार (Share Holder) या Equity Holder बन जाते हैं। इसके बाद आप कंपनी लाभ और हानि में भी हिस्सेदार बन जाते है।
शेयर की परिभाषा- “किसी कंपनी या संस्थान की कुल पूँजी को कई बराबर भागों में बांट देने पर, जो पूँजी का सबसे छोटी इकाई बनती है उसे शेयर या स्टॉक कहते है”
शेयर क्यों जारी किये जाते है?
जब किसी कंपनी को अपने बिज़नेस को बढाने के लिए फण्ड यानि पैसो की जरुरत होती है, तब कंपनी फण्ड जुटाने के लिए अपने शेयर शेयर मार्केट में पहले IPO के जरिये जारी करती है।
तब कंपनी के पास दो विकल्प होते है, या तो वह किसी बैंक से लोन ले या फिर अपने शेयर को बेचकर फण्ड एकत्र करे। अगर कंपनी बैंक से लोन लेती है, तो उसे ब्याज देना होता है।
लेकिन शेयर बेचने पर ब्याज नहीं देना पड़ता है। उसे केवल शेयर धारक को प्रॉफिट देना होता है। इस तरह कंपनी और शेयर धारक दोनों का ही फायदा होता है।
शेयर कैसे बनते है?
जब किसी कंपनी या संगठन को अपने व्यवसाय का विस्तार करने के लिए धन की आवश्यकता होती है, तो कंपनी अपने स्वामित्व का कुछ प्रतिशत आईपीओ (IPO) के रूप में सार्वजनिक करती है। जिसके लिए कंपनी या संस्था को SEBI के सभी दिशा-निर्देशों का पालन करना होता है। इसके बाद कंपनी खुद को NSE या BSE जैसे Stock Exchange में सूचीबद्ध करती है और आम जनता के लिए शेयर या स्टॉक जारी करती है। इसके बाद आम लोग किसी भी स्टॉक ब्रोकर (Stock Broker) जैसे Upstox, Groww App या 5Paisa, आदि की मदद से Demat Account खुलवाकर कंपनी के शेयर खरीदते और बेचते हैं।
शेयर कितने प्रकार के होते है?
शेयर मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते है। जो निम्न प्रकार से है।
- इक्विटी शेयर (Equity Share)
- परेफरेंस शेयर (Preference Share)
- डीवीआर शेयर (DVR Share)
Equity Share को साधारण शेयर भी कहा जाता है। शेयर मार्केट में लगभग सभी कंपनियां अपने शेयर इक्विटी शेयर के रूप में ही जारी करती है। इस प्रकार के शेयर्स का ट्रेड स्टॉक मार्केट में सबसे ज्यादा किया है।
इक्विटी शेयर खरीदने वाले निवेशको के पास कंपनी मीटिंग में वोटिंग करने, लाभ साझा करने का अधिकार होता है। इस प्रकार के निवेशको के पास कंपनी के दिवालिया घोषित हो जाने पर Claim करने का अधिकार नहीं होता है।
परेफरेंस शेयर लगभग इक्विटी शेयर की तरह होते है। लेकिन Preference Share धारक के पास कंपनी की बोर्ड मीटिंग में वोटिंग करने का अधिकार नहीं होता है। लेकिन लाभांश के मामले में इक्विटी शेयर से ज्यादा प्राथमिकता परेफरेंस शेयर होल्डर को दी जाती है।
यानि सबसे पहले Preference Shares Holder को लाभांश दिया जाता है फिर अन्य शेयर होल्डर को दिया जाता है। क्योकि प्राथमिक शेयर होल्डर का लाभाश पहले से कंपनी द्वारा निश्चित कर दिया है।
डीवीआर शेयर का पूरा नाम “Differential Voting Rights” है। इस प्रकार के शेयर को Equity Share धारक की तरह वोटिंग करने अधिकार होता है। लेकिन इक्विटी शेयर के जितना वोटिंग राइट्स नहीं होते है। इस प्रकार के शेयर्स होल्डर केवल वही वोटिंग करने का अधिकार होता है, जहाँ उसे वोटिंग करने का अधिकार दिया जाता है।
शेयर कैसे ख़रीदे जाते है?
आप सीधे तौर कर किसी भी कंपनी का शेयर या स्टॉक नहीं खरीद सकते है। किसी भी कंपनी का शेयर खरीदने के लिए आपको एक Stock Broker जरुरत होती है। जो NSE और BSE के Member हो। वर्तमान में दो प्रकार के स्टॉक ब्रोकर पाए जाते है। पहला ऑफलाइन ब्रोकर और दूसरा डिस्काउंट ब्रोकर।
अपनी सुविधा अनुसार किसी भी ब्रोकर के साथ जुड़कर एक Demant Account खुलवाना होता है। आपका Demant Account खुलने के बाद, स्टॉक मार्केट में सूचीबद्ध किसी भी कंपनी के शेयर्स को खरीद और बेच सकते है।
ऐसे तो मार्केट में आपको कई स्टॉक ब्रोकर मिल जायेंगे। लेकिन किसी भी स्टॉक ब्रोकर से अकाउंट खुलवाने से पहले उसके चार्जेज के बारे में पूरी जानकारी अवश्य लें।
कई स्टॉक ब्रोकर आपको फ्री में Demat Account खोलते है तो कई इसके लिए Charges लेते है। हम आपको निचे कुछ स्टॉक ब्रोकर के नाम दे रहें है, जहाँ पर आप फ्री में Demat Account खोल सकते है।
शेयर्स खरीदने के मुख्य फायदे निम्न है।
- मुनाफा होने पर कंपनी अपने शेयर होल्डर को समय-समय पर बोनस के रूप में अतरिक्त शेयर देती है।
- कंपनी को भविष्य में मुनाफा होने पर शेयर धारको को लाभ का कुछ हिस्सा लाभांश के रूप में देती है।
- भविष्य में कंपनी ग्रोथ करती है तो उसके शेयर्स की कीमत में ब्रद्धि होती है, जिसे बढे हुए कीमत में बेचकर अधिक लाभ कमा सकते है।
- कंपनी के पास शेयर्स होल्डर के लिए कुछ विशेष अधिकार होते है, जिन्हें समय आने पर सभी शेयर्स होल्डर को शेयर होल्डिंग के अनुपात में बांट देती है।
जिस तरह शेयर खरीदने कुछ फायदे होते है उसी तरह शेयर खरीदने के कुछ नुकसान भी होते है, जिनका ध्यान सभी शेयर्स होल्डर्स को रखना चाहिए।
- यदि कंपनी को भविष्य में हानि होती है, तो कंपनी की शेयर वैल्यू कम हो जाती है, जिसकी वजह से आपको नुकसान उठाना पद सकता है।
- किसी कारणवश कंपनी दिवालिया घोषित हो जाती है, तो शेयर होल्डर के सभी शेयर डूब जाते है, उसका पैसा नहीं मिलता है।
- कंपनी बंद हो जाने की स्थिति में शेयर्स होल्डर को सबसे अंतिम में पैसे दिए जाते है।
एक शेयर एक वित्तीय साधन है जो किसी कंपनी या संस्थान के आंशिक स्वामित्व का प्रतिनिधित्व करता है। स्टॉक एक वित्तीय साधन है जो एक या अधिक कंपनियों या संस्थाओं में आंशिक स्वामित्व का प्रतिनिधित्व करता है।
आसान भाषा में समझें तो जब किसी व्यक्ति के पास किसी कंपनी के शेयर होते हैं तो उसके पास कंपनी के शेयर होते हैं। लेकिन जब किसी व्यक्ति के पास एक से अधिक कंपनी के शेयर हों तो यह कहा जा सकता है कि उसके पास स्टॉक है।
Note:- हमारी सलाह यही है की शेयर खरीदने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की सलाह अवश्य लें। बिना सलाह के शेयर में निवेश करने से आपको हानि भी हो सकती है। इसलिए पहले शेयर बाजार को समझे और फिर किसी शेयर में निवेश करें।
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शेयर का अर्थ हिस्सा या अंश होता है। शेयर किसी कंपनी के स्वामित्व की एक छोटी इकाई होती है, जिस व्यक्ति के पास कंपनी के शेयर होते है, उस व्यक्ति का कंपनी पर अधिकार होता है।
जब कंपनी को बिज़नेस बढ़ाने के लिए फण्ड की आवश्यकता होती है, तो वह कुछ प्रतिशत शेयर आप लोगो को बेचकर फण्ड की व्यवस्था करती है। उसके बदले में शेयर खरीदने वाले को मुनाफे का कुछ हिस्सा देती है।
Share को हिंदी में हिस्सा या अंश कहा जाता है।
आप किसी भी कंपनी का शेयर किसी स्टॉक ब्रोकर के माध्यम से खरीद और बेच सकते है। जैसे- upstock, Groww App, Zerodha, Angelone, 5पैसा, आदि।
आप जिस स्टॉक ब्रोकर से कंपनी के शेयर खरीदते है, उसी स्टॉक ब्रोकर के माध्यम से शेयर्स को बेच सकते है।
वह व्यक्ति जो लाभ के उद्देश्य से किसी कंपनी के शेयर्स में निवेश करता है, उस शेयर होल्डर कहते है। यानि जिसके पास कंपनी के शेयर्स होते है।
एक कंपनी की शेयर वैल्यू उसकी ग्रोथ और कंपनी की कुल पूंजी वैल्यू पर निर्धारित होती है। इसलिए प्रत्येक कंपनी की शेयर वैल्यू अलग-अलग होती है।
निष्कर्ष: शेयर क्या होता है हिंदी में।
इस लेख को पढ़ने के बाद आप समझ गए होंगे कि Share क्या है? और शेयर कितने प्रकार के होते है? साथ ही यह भी समझ गए होंगे की कंपनी अपना शेयर क्यों बेचती है।
उम्मीद करते है हमारा यह लेख आपको अवश्य पसंद आया होगा, यदि आपको हमारे लेख से आपको शेयर के बारे में समझाने में मदद मिली है तो सोशल मीडिया पर दोस्तों के साथ शेयर करें।
आपके मन में शेयर से सम्बंधित कोई और सवाल है तो आप हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर पूछ सकते है, हम आपके सवालो का जवाब देने की पूरी कोशिश करेंगे।